

बड़ा कठिन होता है बांचना
पोथियां शब्दों की,
उससे भी कठिन है
आश लगाए रखना
की चमक आएगी
उन मोतियों में
जो किसी और के सूरज है
बड़ा कठिन है
बांचना ज्ञान
जिसमें नफा नुकसान
नहीं देखा जाता
देखा जाता है, उम्मीद
नन्हे सीप कब मोती बन जाए
सहना होता है, आंच
अभावों का ,शब्दों का
क्योंकि शिक्षक हैं,सीढ़ियां
जिन्हे किया जाता है
सिर्फ उपयोग चढ़ने के लिए
शिक्षक है ,निरीह
इस कलयुग में
जिन्हें चिढाती है सत्ताएं
फिर भीa जीता है, सपने
खुली आंखों से औरो के
और खुद रह जाता है वहीं
बरगद के पेड़ सा,स्थिर
जो जानता है ,कला
रचता है ,विज्ञान
हर एक बीज के लिए
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं